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S Ram Verma

Romance

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S Ram Verma

Romance

वही तो है !

वही तो है !

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वो जो झील को 

अपनी दोनों आँखों 

में रखती है ,

वो ही तो गुलाबों

को अपने दोनों 

रूख़सारों पर 

रखती है ,

वो जो अपनी 

ज़ुल्फ़ों में छुपा 

कर कहीं शाम 

को रखती है ,

वो वही है जो 

सबसे छुपाकर 

मुझे भी अपने 

दिल में कहीं 

रखती है ,

वो वही है जो 

अपने होंठों पर 

ना ना और अपने 

दिल में हाँ हाँ रखती है !





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