वही तो है !
वही तो है !
वो जो झील को
अपनी दोनों आँखों
में रखती है ,
वो ही तो गुलाबों
को अपने दोनों
रूख़सारों पर
रखती है ,
वो जो अपनी
ज़ुल्फ़ों में छुपा
कर कहीं शाम
को रखती है ,
वो वही है जो
सबसे छुपाकर
मुझे भी अपने
दिल में कहीं
रखती है ,
वो वही है जो
अपने होंठों पर
ना ना और अपने
दिल में हाँ हाँ रखती है !

