।। व्हाट्सएप की बीमारी ।।
।। व्हाट्सएप की बीमारी ।।
उस की जब भी मेरे लिखे पर,
लाइक की ईमोजी जो आती है ,
मिले एक बूंद अमृत सी,
और कुछ उम्र बढ़ जाती है ।।
वो एक नीला टिक मुझे,
बस प्राणवायु सा लगता है,
जब एक से दो हुए फिर तो,
नाचता मेरा हर एक नुक़्ता है ।।
अगर गलती से उसने जो,
तारीफ में कुछ शब्द कह डाले,
तो दिन मेरा बन जाता,
कई सपने हैं अब बुन डाले।।
मेरी दुनिया ये सिमटी है,
उसी के लाइक डिसलाइक में,
उसकी तारीफ की चाहत में,
राज़ अब कितने लिख डाले।।
अभी कुछ रोज़ से उसका,
नया कमेंट है नहीं आया,
ये चिंता अब सताती है,
लिखा क्या जो नहीं उसे भाया।।
उमड़ता हूँ , घुमड़ता हूं,
हूँ बार बार ऐप पर जाता,
नेटवर्क भी तो पूरा है,
ये लाइक क्यों नही आता।।
इसी उहापोह की हालत में,
रात पूरी गुजारी हैं,
कि मर्ज़े इश्क़ से बढ़ कर,
अब लगती ये बीमारी है ।।