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Vimla Jain

Action Classics Inspirational

4.3  

Vimla Jain

Action Classics Inspirational

वह यादगार रक्षाबंधन के दिन

वह यादगार रक्षाबंधन के दिन

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आप सबको रक्षाबंधन के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं 
मेरे मनके उद्गार

वह यादगार राखी के दिन जो आज भी भुलाये नहीं भुलते। बचपन के दिन क्या राखी मनाया करते थे। वह आपका राखी के दिन सुबह से राखी बंधवा कर तिलक लगाकर साथ खाना खाना । और राखी बंधी हुई रहने देना तिलक लगा हुआ रहने देना। नेक देने में मुझको छकाना। बहुत याद आता है बहुत याद आता है।  क्या दिन थे । देखते-देखते कहां चले गए। आप बहुत ही जल्दी हमको छोड़कर चले गए। आपकी यादें हमेशा साथ रहती हैं।  मगर आज राखी पूनम दिन बहुत याद आते हैं और दिल से निकलता है। वीर ओ वीरा थारी ओलु घनी आवे हो किकर आऊं थारोडा देश में। राखड़ी पूनम दिन वीरो याद आवे रे था बिन वीरा ओ कुण राखी बंधावे रे। डागलिया में बैठे वीरा रोवे मां जाई रे। राखड़ी में जीव मारो घणो आवे रे। था बिन वीरा ओ कुण राखी बंधावे रे। यादों के समुद्र से निकले हुए यह मोती।  हर समय यह आपकी याद दिलाते हैं। राखी के दिन भाई साहब आप बहुत याद आते हैं।  बहुत याद आते हैं। कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन। बीते हुए दिन मेरे प्यारे पल छिन।  


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