सुनहरी शाम
सुनहरी शाम
जो गुज़ारी है, तुम्हारे इंतज़ार में,
वह सुनहरी शाम मुझे वापस करो।
जो भूल गया, तुम्हें याद रखने में,
मेरा नाम मुझे वापस करो।
वह सुनहरी शाम मुझे वापस करो।
जो खोया है, सिर्फ़ तुम्हारे प्यार में,
मेरा आराम मुझे वापस करो।
जो किये हैं, तुम्हें अपना बनाने में,
मेरे वे सारे काम मुझे वापस करो।
वह सुनहरी शाम मुझे वापिस करो।
जो दिया है, तुम्हारी खुशी खरीदने में,
मेरा दाम मुझे वापस करो।
जो पिया है, तुम्हारा दर्द भुलाने में,
मेरा जाम मुझे वापस करो।
वह सुनहरी शाम मुझे वापस करो।
जो हो गया है, तुम्हारे प्यार में,
मेरा अंजाम मुझे वापस करो।
जो लिखकर दिये हैं, तुम्हारी याद में।
मेरे क़लाम मुझे वापस करो।
वह सुनहरी शाम मुझे वापस करो।
जो तुम्हें देना है, वह अकेले में नहीं।
वह सब कुछ, खुलेआम वापस करो।
किसी से छुपकर या छुपाकर नहीं,
वह सबके सामने, सरेआम वापस करो।
वह सुनहरी शाम मुझे वापस करो।