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Mayank Kumar

Romance

3  

Mayank Kumar

Romance

वैलेंटाइन डे

वैलेंटाइन डे

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जब उसके चेहरे पर

रात जैसी खामोशी देखी

जब उसके चेहरे पर

काली घटा देखी

तब लगा कुछ

उम्मीद


वर्षा बन

हमारे आंगन में


तब लगा कुछ

बूंद मुझ पर

तृप्ति दे समाहित हो

उसकी पायल की

खनखनाहट

मुझसे कुछ बातें करती


जैसे राधा - कृष्ण की

भाव -वेदनाएं कहती 


जब वह कुछ दूर जाती

कुछ हमें घूर जाती


मानो नजरों के सहारे

मोहब्बत की टकटकी 

छोड़ जाती


शायद मन ही मन में

मोहब्बत का पैगाम

भेज जाती


दुनिया लाख मनाए

वैलेंटाइन डे


लेकिन

वह राधा सा प्यार

हमें भेज जाती


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