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kunwar singh

Tragedy Inspirational

4.2  

kunwar singh

Tragedy Inspirational

वापस लौटना ?

वापस लौटना ?

1 min
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लौट रहा हूँ इस शहर से अपने गाँव-घर,

पर इस बार साथ बहुत कुछ ले जा रहा हूँ।

घर से गया था कुछ लेकर शहर को,

कुछ बर्तन, कुछ कपड़े और एक आस।


शहर जा रहा था तो सयाने चेताए थे,

ये मिट्टी अपनी है शहर में कुछ नही है अपना।

जब मुसीबतों में वो सब अपने दरवाज़े बंद करेंगे,

मिलेगा चोट बेगानों के बीच फिर लौटेगा शहर से।


दो-राहे पर सवाल है शहर आया था क्यों?

और फिर गाँव क्यों लौट रहा हूँ?

क्या शहर आना सच में आसान था?

और क्या घर यूँ वापस लौटना आसान है?


शहर ने मुझे क्या दिया ये सवाल भी है?

गाँव यूँ ही लौटना कर्ज, चिंता, मायूसी के साथ।

काम और पैसा की समस्या से ही शहर आया था,

अब सवाल ये है कि गाँव लौट के करूँगा क्या?



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