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Kunwar Singh

Romance Fantasy

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Kunwar Singh

Romance Fantasy

आईना में चेहरा

आईना में चेहरा

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हँसी तेरे चेहरे की ये खास तो है,

आईना में चेहरा आधा ही दिखा सही।


आईने में हँसी जो देखा मैं तेरी,

यूँ लगा सामने खड़ी थी तुम खुद में।


देखने वाले ने भी अक्स देखा है,

हँसी चेहरे पर पूरी बताती तो है।


उस आईने को पता है कि मैं हूँ,

देखा जो छुपी नज़रों से तुम दिल में गई।


आईना भी अब तुम्हें ताकती है मुझ सा,

बात यूँ ही हँसी की अब रही ही नही।


जिंदगी की दरिया यूँ ही ठहरती नही,

पर तुम यूँ ही खुद को देखने ठहर जाना।


बातें होनी चाहिए


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