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Harshita Srivastava

Drama

3  

Harshita Srivastava

Drama

उत्सव

उत्सव

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पक्षी देखों गा रहे हैं

गीत गुनगुना रहे हैं

सरसों के पीले सुनहले

रंग जगमगा रहे हैं


शीत के जाने से 

वसंत के पदार्पण पे

सभी मन हर्षा रहे हैं

ऋतु ये मिलन की


त्योहारों की आई है

सभी अपनों के संग

उत्सव मनाने रहे हैं। 


साहित्याला गुण द्या
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