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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Drama

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Drama

उपाधि उपनाम

उपाधि उपनाम

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हम लिख नहीं सकते

कविता और लेख !

हमें है कहाँ फुर्सत पढूं

किसी का आलेख !


उपाधि तो अनजाने

में किसी ने दे दिया !

अपने नाम के आगे - पीछे

उपनाम लगा लिया !


कहने लगे अपने को

'कवि, लेखक

और 'साहित्यकार '


अभिनय की भंगिमा

को जीवन पर्यंत

सिखा नहीं खुद

बन गए कलाकार !


नाटक के मंच को

कभी सुशोभित नहीं किया !

ना कभी हमसे नाटक

मंचन ही किया गया !


फिर भी हम बन गए

एक सफल नाटककार !

कभी "आंबेडकर "

के भक्त हम बन जाते हैं


विभेदों के बावजूद

गाँधी पटेल की

मूर्ति बनाते हैं !


कभी 'चाय वाला '

तो कभी 'प्रधान सेवक '

हम स्वयं बन जाते हैं !

कभी 'धनुर्धर ' तो कभी हम

'मियां मिठ्ठू 'कहलाते हैं !


परन्तु यह सबको ज्ञान है !

हम कौन हैं ?

कैसे हैं ?

यह सबको पहचान है।


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