हम
हम
चार आँखों में एक ही सपना पलता है
चार क़दम एक ही राह पर चलते हैं
दो जुबां एक ही गीत गाते हैं
चार हाथ एक ही दुआ में उठते हैं
इसे ही तो लोग इश्क़ कहते हैं
जब मैं और तुम हम हो जाते हैं।
चार आँखों में एक ही सपना पलता है
चार क़दम एक ही राह पर चलते हैं
दो जुबां एक ही गीत गाते हैं
चार हाथ एक ही दुआ में उठते हैं
इसे ही तो लोग इश्क़ कहते हैं
जब मैं और तुम हम हो जाते हैं।