उनका घर
उनका घर
पहचाने से दरख़्त, पहचानी डगर है
इस रास्ते पर तो उनका घर है।
झूम उठा है मन का हर कोना देखो
हवाओं में उनकी खुशबू का असर है।
ऐ दिल सम्भल, न जाना उधर
तेरा नहीं वो अब, गैर का मुकद्दर है।
छोड़ दे यों उम्मीदें लगाना 'सचिन'
था कभी तेरा जो, आज किसी और का रहबर है।।