Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rashi Rai

Romance

4.8  

Rashi Rai

Romance

उल्फ़ते दौर

उल्फ़ते दौर

2 mins
395


कुछ रोज पहले मनचले दिल में

कोई आवाज़ सी खनकी

उल्फ़ते दौर का भी वो क्या कारवा होगा

कहकहे के साथ गुप्तगू लफ्जो का जहाँ भी होगा


क्या कहे उससे जिससे मन के तार मिले

इतना कि वक्त बेवक्त

उसी का ख्याल सरमाया हो


कहने की इतनी भी क्यों बेक़रारी

कि समझने में हो दिक्कत

और सपने ही हो सारे

क्या वो कुछ कहना ही सबूत है


तो मन मिलने का भी कोई वजूद है

जिसमें गड़ित के सवालों सा तिगड़म

और उत्तर को साबित करे

इतनी गठजोड़ ही करना हो

तो कोई प्यार ही क्यों करे


मुझे तो समझ नहीं आता

किसी को जानते जानते प्यार होता है

या अनजाने ही इकरार होता है

सब पता करके जानकारी इकट्ठा

करके तो कोई नौकरी पाने के लिए जरुरी है


क्या सीधा व्यवहार और सच्ची कोशिश नाकाफी है

तो इसमें मासूमियत और सच्चाई तो है ही नहीं

प्यार तो दूर ये तो महाभारत की लड़ाई ही हो गयी

कि युद्ध है और युद्ध जितना है

लड़ाई और प्यार में अंतर होता है


एक तरफ खंजर और दूजे तरफ

एहसासों का समंदर होता है

अब ये आपकी सोच है जो

आपको कही से कहीं ले जाती है


और ये आपकी ही ज़िन्दगी है जो

आपके निर्णय की प्रतीक है

प्यार कोई खोने और पाने,

जितने और हारने का खेल नहीं

ये अहसास है इसे महसूस कीजिये


इसको चीजों से ना तौलिए

बल्कि संभाल के रखिये

कभी गम वाले भी अहसास होते

कभी ख़ुशी वाले जज्बात होते

कागजी करवाई


दुनियादारी, रुस्वाई

और ना जाने क्या क्या

ये अहसास है

आँखों से बह जाये

या गुस्से में उतर जाये


कहकहे में बस जाये

या शब्दों से कह जाये

इसके अनेक रूप होते हैं

कुछ कह जाते

कुछ बिन कहे मन में बस जाते हैं


मैं शायद कुछ नासमझ हूँ

पर मुझे अपनी नासमझी से भी प्यार है

प्यार और दुनियादारी

एक साथ ना हो पाती मुझसे


फायदा नुकसान सोचके कदम उठाना

ये नहीं तो वो मिल जाये ऐसा सिर्फ

चीजों के साथ ठीक हो सकता है

दिल के मामले ऐसे नहीं जँचते


जहाँ किसी और ही चीज की तलब

छायी हो वहाँ आप कहते भी तो क्या कहते

उल्फ़ते दौर का भी वो क्या कारवाँ होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance