दोस्ती ज़िन्दगी की
दोस्ती ज़िन्दगी की
ज्यादा ड्रामेटिक नहीं होना मुझे
पर पता मै अपने प्रकृति के हर एक प्राणी को अपना सच्चा दोस्त मानती हूँ
मेरे इंसान रूपी दोस्त भले रूठ जाये कभी
पर मेरे जिन्दा दोस्त हमेशा साथ देते हैं !!
मेरे लिए दोस्ती सिर्फ दोस्ती नहीं नाम की
ना ही है किसी वज़ह या आराम की
मेरे लिए ये सदा साथ निभाने का वादा है
नफा-नुकसान नहीं बस सदा रहने वाला इरादा है !!
पता नहीं मुझे मेरे जैसे लोग मिलते ही नहीं
पर एक शाम जो गमगीन हुई
तो एक पुकार ऐसी मिली कि
दिल ने झकझोर डाला
भीगी नमी आँखों में ले
मुस्कुराहट वाला चेहरा बना डाला !!
खुश रहते तो यही दुनिया होती स्वर्ग सी सुन्दर
और मस्करी में बीत जाता हर एक पल
पर असली जंग तो बुरे दौर में होती है
कोई आँखे देख बता जाता
की क्या करना सही
तो वहीं किसी को पूरी बात भी सुनी नहीं जाती !
हर एक दिन एक नया अवसर
एक नया अनुभव है
तो चलिए अपनी ज़िन्दगी को
अपना दोस्त बनाते हैं
हर एक गमगीन शाम को हसीं में बदल डालते हैं !!!!
