मन की पंखुड़ियों की आवाज
मन की पंखुड़ियों की आवाज
मुझे समझ नहीं आता
दिल की बातें कहना किसी से
इतनी मुश्किल क्यों लगती है
जिससे इतना प्यार है
दुनिया उससे दूर क्यों भागती है
एक चीज और आपको प्यार
जिससे है उसके साथ चलिए
पीछे मत भगाइये
अब प्यार एक तरफा हो
ये समझ आता है
पर किसी से खिंचाव हो इतना
पर बातें करो जीरे से कम
तो कहा से और क्या ही होगा
देख लो दोस्तों अनुभव से कह रही
आपको बातें करनी चाहिए
हर एक उस इंसान से
जिनसे बात करना या साथ
रहना आपको पसंद है
पर उसे परेशान करने के लिए नहीं
बल्कि उसे ये एहसास दिलाने के लिए
कि प्यार ना हो तो भी आप साथ हो उसके
पर मुझे ये नहीं पता इसकी सीमा क्या हो
देखा है मैंने कई दफा
कि लोग प्यार प्यार बोलके
इंकार पे तकरार करने लगते हैं
क्या वो कोई चीज है जिसकी खुद की
पसंद आपसे अलग नहीं हो सकती
हो सकता कुछ पसंद हो कुछ ना भी हो
लोग अक्सर चीजों और
इंसानों में फर्क नहीं समझते
कुछ को चीजों से लगाव
कुछ को परिंदो से प्यार
कही ये मिट्टी
का खिलौना
कही जीने का सपना
सलीका सबका अपना अपना !
चीजें आप समझ जाये खुद से तो बेहतर
अगर ना समझ आये तो तकरार से पहले
जरा बात ही कर लीजिये
इज़हार कीजिये जी भर के इज़हार कीजिये
ज़िन्दगी मिली है बात कीजिये
प्यार है तो बताइये जाके
जैसे बिना सोचे हो गया।
वैसे ही दिलदिमाग को अलग
आगे क्या होगा उससे परे
बस बता दीजिये
अगर ना हुआ तो वैसा ही रहेगा
हाँ हुआ तो बल्ले नि बल्ले
देरी करने से ज्यादा देर ना हो जाये
जैसे ही समझ आये बस ये जान लीजिये
किस लहजे और मौके पे कहना क्या है
ये जरूरी है
नहीं तो ज़िन्दगी भर
कसक सी रह जाएगी
कुछ भी हो दिल तो
हल्का हो जायेगा
गुस्सा आता है तो गुस्सा करिये
उन्हें जिन्हे समझ हो
दुख हो तो मन में ना रखिये
खुशी हो तो बताइये उन्हें जो सहज हो !
हर बार लब्ज जो ठहर जाते हैं
कुछ कहते कहते
कसम उपर वाले की
कहर ढा जाते हैं
दिमाग़ की उल्फत की
बात ही क्या करे
दिल की ना चले तो हर एक
तरंगों सा जल जाते हैं !