तूफ़ां आया है घर मेरे
तूफ़ां आया है घर मेरे
मेरी खामोशी...
मेरे बिना तुझे भी अपनी जिंदगी से कुछ गिले होंगे,
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे
तूफ़ां आया है घर मेरे तो कुछ
हवा के झोंके तेरे घर तक भी पहुँचे होंगे,
बिखर गया हैं घर मेरा तो क्या
पर्दे तेरे घर की खिड़कियों के भी तो उड़े होंगे,
इतना आसान नही हैं मुझे भुला पाना
पर कुछ लम्हे तो तुझे भी याद होंगे,
अश्क तो नहीं निकले होंगे तेरी आँखों से ये जानती हूं मैं
पर कभी कही किसी बात मैं किस्से मेरे भी निकले होंगे,
हम यूँ ही तो ना बिछड़े होंगे,
हम यूँ ही तो ना बिछड़े होंगे।
अब तो सावन से भी तुझे एतराज होगा शायद
चलो हम ना सही चाय की चुस्कियों के वो प्याले तो तेरे साथ होंगे,
और हम दोबारा ना मिल सके कभी तो कैसा गम
हम ख्वाबों मैं तो अक्सर मिले होंगे,
यादें ही काफी हैं एक दूसरे मैं जिंदा रहने के लिये
जरूरी तो नही चाहने वाले हमेशा साथ रहे होंगे,
मेरी खामोशी को मेरी बेवफाई मत समझना
अगर मैं खमोश हूँ तो इसे बेवफाई मत समझना,
हो सकता हैं, तेरी ही किसी मजबूरी तेरी ही किसी शर्त के आगे मैने मेरे होठ सिले होंगे
अब तुझसे बात ना होगी ये जानती हूं मैं,
कभी सोचा है तूने, मैने मेरे दिल के जख्म कैसे सिले होंगे,
हर बार तेरे उलफ़्तों को उठाया था मैंने
पर तूने कुछ तो ऐसा कहा था कि तीर सीधे मेरे हृदय में लगे होंगे
हम यूँ तो ना बिछड़े होंगे।

