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तू

तू

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तिरंगे मे लिपटकर

कितना शांत था तू

राह किसकी देखूँ

कब लौट आएगा तू।


भारत माँ के लिए

भूल गया मुझे तू

इस मेरी कोख को

सूनी कर गया तू।


तेरे सिवाय कौन था मेरा

क्यूँ अकेला छोड़ गया तू

आँसू भी अब सूख गये

फिर भी रूलाता है तू।


देश सेवा में मर मिटे

पिता के पीछे अब तू

शहीद की पत्नी थी

शहीद माँ बनाया तू।


घर है सूना आँगन भी

लौट नहीं आयेगा तू

तेरी यादें साथ मेरे

अकेला लाल मेरा तू।


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