तू मेरा सहारा
तू मेरा सहारा
तू मुझे संभालता रहा
खुद भी थोड़ा संभलता रहा,
वक्त चंद्रमा की तरह
कभी उगता तो कभी ढलता रहा,
एक हंसी झूठी सी तूने चेहरे पर सजा रखी है
दिल के कोने में कहीं दर्द भी पलता रहा ,
यूं तो तू सब को समझता है संभालता रहता है
कोई तुमको समझ नहीं पाया यह तुम्हें खलता रहा,
वक्त चंद्रमा की तरह
कभी उगता तो कभी ढलता रहा।

