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तू कभी गलत थी नहीं

तू कभी गलत थी नहीं

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आज तू दूर है मुझसे तो

गम कैसा इस बात का

आज तू दूर है मुझसे तो

गम कैसा इस बात का,

लेकिन मैं खुद से दूर तुझे समझता नहींं ।

 

तू जा चुकी है मुझे छोड़ के,

निकाल चुकी अपनी ज़िंदगी से है

तू जा चुकी है मुझे छोड़ के,

निकाल चुकी अपनी ज़िंदगी से है

तो गम कैसा इस बात का,

मैं खुद से अलग तुझसे समझता नहींं । 


माना तू भूल चुकी है मुझे

और वो कसमें वादे

माना के तू भूल चुकी है मुझे

और वो कसमें वादे भी,

जो हमनें साथ में किये थे तो

गम कैसा इस बात का,

तेरा मुझे भूल जाना मै गलत समझता नहींं ।

 

मुझे चाहना तेरी आदत थी या मज़बूरी

अब इस बात की परवाह नहींं मुझे,

बस तुझे चाहना ही मेरी आदत थीं

और अपनी इस आदत को

मैं गलत समझ सकता नहींं । 


मैं जो था, जैसा था,

सिर्फ तेरा था और सच था

तो गम कैसा इस बात का,

इसी वजह तेरा मेरी हैसियत को

आँकना, गलत नहींं।

 

गलत तो तब होती तू

अगर तूने कुछ कह के छोड़ा होता मुझे,

तेरा बिना कुछ कहे मुझे बीच राह में छोड़ जाना,

मैं अब भी तुझे गलत समझता नहींं। 


ये प्यार ही तो है मेरा तेरे लिए

ये प्यार ही तो है मेरा तेरे लिए,

अब भी तेरा वापस न आना,

गलत तो है लेकिन मैं इसे गलत समझता नहीं।

 

वो पल ही कुछ और था,

उस पल की बात ही कुछ अलग थी,

जिस पल में झूठा ही सही पर साथ तेरा था,

अब तू साथ नहींं तो गम कैसा

इस बात का, तेरा इंतज़ार करना

मैं इसे भी गलत समझता नहीं । 

तू दूर है मुझसे तो गम कैसा,

लेकिन मैं खुद से दूर तुझे समझता नहींं ।


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