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Bhavna Thaker

Tragedy

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Bhavna Thaker

Tragedy

तू चट्टान है

तू चट्टान है

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तिनका-तिनका ना बिखर तू चट्टान है कोई फूलदल नहीं,

तेरे आसपास अपनेपन की नमी ना सही बुलंद है

तेरे हौसले आत्मविश्वास की कमी तो नहीं।

 

अश्कों को पिकर मुस्कुराना सीख ले गए जो वापस नहीं आने वाले,

महज़ रिश्ते ही छूटे है कोई ज़िंदगी तो नहीं।


सफ़र बहुत लंबा है मंज़िल अभी दूर है मिल जाएगा हमसफ़र,

राह चलते मुसाफ़िरों की कमी तो नहीं।


चलना होगा चलते रहो थामेगा तुझे भी कोई अपना बनकर,

ज़रा हाथ तो बढ़ा हथेलियों की कमी तो नहीं।

 

दर्द पिया अश्क पिएं बुत नहीं तू इंसान है

आख़री अंजाम दे, रिश्तों को मोड़ दे

गम पिकर महज़ गम ही है ज़हर तो नहीं।


होंठों पर हंसी धर रुसवाई कुबूल कर यही ज़िंदगी की रीत है

गिरह थी उसकी हल्की मजबूत गांठ तो नहीं।


तो क्या हुआ की गम में जलना होगा ताउम्र अपनों की दी हुई ये नेमत है,

जीने के लिए इतना दर्द कोई कम तो नहीं।


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