तू बस एक खबर कर देता
तू बस एक खबर कर देता
तू जाँ एक खबर कर देता
मेरी ओर नजर कल देता
सच कहता हूँ तेरी खातिर
हाजिर अपना सर कर देता
जो वादे कसमें तुझ संग थे
उनको आज अमर कर देता
तेरी खुशियों की बगिया को
इन अश्को से तर कर देता
जो भी आंख उठता तुझ पे
उसके उर मे डर कर देता
माँग जो लेती एक बार तो
शाम भी तेरी सहर कर देता
गर कहती बर्बाद हो जाऊं
खुद का जीना दूभर कर देता
रहना उन्मुक्त न पसन्द था मेरा।
तो खुद को कमरे में अंदर कर देता
गर मुझसे कहती तेरे साथ रहूँ
तो तुझ संग आठ पहर कर देता
पर अफसोस जाँ मौन रही तू
वर्ना उत्तर बढ़कर कर देता
कितना मैंने है तुझको चाहा
इसके निशां मैं मर कर देता।