STORYMIRROR

Rishabh Tomar

Romance

4  

Rishabh Tomar

Romance

तू बस एक खबर कर देता

तू बस एक खबर कर देता

1 min
424

तू जाँ एक खबर कर देता

मेरी ओर नजर कल देता


सच कहता हूँ तेरी खातिर

हाजिर अपना सर कर देता


जो वादे कसमें तुझ संग थे

उनको आज अमर कर देता


तेरी खुशियों की बगिया को

इन अश्को से तर कर देता


जो भी आंख उठता तुझ पे

उसके उर मे डर कर देता


माँग जो लेती एक बार तो

शाम भी तेरी सहर कर देता


गर कहती बर्बाद हो जाऊं

खुद का जीना दूभर कर देता


रहना उन्मुक्त न पसन्द था मेरा।

तो खुद को कमरे में अंदर कर देता


गर मुझसे कहती तेरे साथ रहूँ

तो तुझ संग आठ पहर कर देता


पर अफसोस जाँ मौन रही तू

वर्ना उत्तर बढ़कर कर देता


कितना मैंने है तुझको चाहा

इसके निशां मैं मर कर देता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance