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Mayank Kumar

Tragedy

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Mayank Kumar

Tragedy

तुमने जो मुझे उदास किया

तुमने जो मुझे उदास किया

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तुमने उदासी से क्यों भरा मुझे

यह तू ही जाने मैं क्या बोलूं

लेकिन यदि तुमने यह सोचा है कि -

मैं बिखर जाऊंगा,


तुम्हारी दी गई उदासी से

तो शायद तुम गलत हो

मैं उदासियों से ही, भटकता हुआ

हर लम्हा खुद को निखारता रहा हूं

फिर भला कैसे मैं बिखर सकता हूं


तुमने उदासी से क्यों भरा मुझे

यह तू ही जाने मैं क्या बोलूं।


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