तुम्हें भुला ना सके
तुम्हें भुला ना सके
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तुम्हें भुला ना सके,
मुँह तो मोड़ लिया, पर
दिल से तुम्हें मिटा ना सके।
नज़रें तो ली फेर, पर
आँसू अपने छुपा ना सके।
घुटते रहे मन ही मन, पर
दर्द किसी को बता ना सके।
अपने प्यार की सजाई चिता, पर
मुखाग्नि हम लगा ना सके।
रखी हैं आज भी मोहब्बत की अस्थियाँ,
चाह के भी गंगा में बहा ना सके।