मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)
Romance
अपनी क़सम देकर
वादा ना मिलने का
जो तुमने लिया है
मेरी ही ख़ातिर सही
मगर… यक़ीन मानो,
ठीक नहीं किया है…!
नववर्ष...
हाकिम-ए-आ'ला
आमंत्रण
मोहब्बत हो गय...
सूरत-ए-अहवाल
हमने मना रखा ...
शुक्राने की क...
समस्या!
बदलाव
गुज़रते हैं ह...
प्यासी रूह को ठंडक पहुँचा दे वही तो प्यार है। प्यासी रूह को ठंडक पहुँचा दे वही तो प्यार है।
बहुत दिनों से पढ़ रही गजलों ने मेरे दिल में जोश जगाया बहुत दिनों से पढ़ रही गजलों ने मेरे दिल में जोश जगाया
हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो। हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो।
मिलूँ वहाँ मैं जहाँ मिलन हो धरती और गगन में। मिलूँ वहाँ मैं जहाँ मिलन हो धरती और गगन में।
दो जिस्म एक जान हो रहे हम हाँ यही प्यार है। दो जिस्म एक जान हो रहे हम हाँ यही प्यार है।
इबादत सी हो गई मुहब्बत तेरी तेरे पास आऊँ कैसे। इबादत सी हो गई मुहब्बत तेरी तेरे पास आऊँ कैसे।
कुछ कसमें हैं, दो दिलों कि कुछ रस्में हैं। कुछ कसमें हैं, दो दिलों कि कुछ रस्में हैं।
तुम बने दिया मैं बाती रे ओ साथी रे, ओ साथी रे। तुम बने दिया मैं बाती रे ओ साथी रे, ओ साथी रे।
मैं आऊँगी तुम्हारे पास बहुत सा वक़्त लेकर सारी उम्र तुम्हारे साथ गुजारने आना है मुझे मैं आऊँगी तुम्हारे पास बहुत सा वक़्त लेकर सारी उम्र तुम्हारे साथ गुजारने आना ह...
कभी तो दिल में बस के प्यार किया कीजिये। कभी तो दिल में बस के प्यार किया कीजिये।
बचपन पर जो छाले पड़े उन किताबों को धूप में छोड़ देना। बचपन पर जो छाले पड़े उन किताबों को धूप में छोड़ देना।
मेरे नाम को उस अंदाज़ में कहना क्या यही तेरा प्यार हैं। मेरे नाम को उस अंदाज़ में कहना क्या यही तेरा प्यार हैं।
वो भी बदलती रही पीछे हटते-हटते वो मेरी हो गई। वो भी बदलती रही पीछे हटते-हटते वो मेरी हो गई।
पर तुम्हें सच कौन बताए कि, मैं उस वक्त भी तुमसे झूठ कहूंगी ! पर तुम्हें सच कौन बताए कि, मैं उस वक्त भी तुमसे झूठ कहूंगी !
दिल पर हाथ रख कर बताना यारों, क्या यही प्यार। दिल पर हाथ रख कर बताना यारों, क्या यही प्यार।
सुकून का सिलसिला न रहा अब रूठना, मनाना, वादे निभाना कल सा हो गया सब। सुकून का सिलसिला न रहा अब रूठना, मनाना, वादे निभाना कल सा हो गया सब।
ना टूटता ये ख़्वाब ना दिल तेरी याद में रोता। ना टूटता ये ख़्वाब ना दिल तेरी याद में रोता।
नैना कजरा ना लगावा दिनवा रात हो जाई नैना कजरा ना लगावा दिनवा रात हो जाई
ललचा कर मुझे कॉटन-कैंडी-सी अलोप जाती हो। ललचा कर मुझे कॉटन-कैंडी-सी अलोप जाती हो।
याद आती है वो राहें तुम हो कहाँ ये समझाती है याद आती है वो राहें तुम हो कहाँ ये समझाती है