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Bhavna Thaker

Romance

4  

Bhavna Thaker

Romance

तुम्हारे लिए

तुम्हारे लिए

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आती हूँ आती रहूँगी इस दुनिया में 

तुम्हारे लिये 

तुमसे बेइन्तेहाँ प्यार करने 

तुम्हें सताने

 

तुम्हें अलग थलग सी बातों से

रिझाने, तुम्हारे दिल में रहने 

तुम्हारी आँखों में झांकने 

तुम्हारी अदाओं को मेरी गज़लों में 

तराशने, 


कभी तुमसे रुठने कभी 

तुम्हारे प्यारे गालों पे चुम्मी काटने

कभी तुमसे बिछड़ जाऊँ तो तुम्हारी

याद में बिखरने, फ़िर मिलने पर

तुम्हारी आगोश में सिमटने 


बारिश में अपने गीले बालों को

तुम्हारे चेहरे पर छिड़ककर तुम्हें 

सताने,

सावन की सर्द रातों में 

तुम्हारे बाजुओं को तकिया बनाकर


तुमसे लिपटकर सोते हुए सपनें 

देखने, तुम्हारे हर गम को अपनाने 

तुम्हारे हर दुखदर्द को,आँसुओं को

अपनी पलकों पे सजाने 

सिर्फ़ लिये जन्मों जन्म तक

आती रहूँगी।


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