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Anumeha Rao

Romance

4  

Anumeha Rao

Romance

तुम

तुम

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कैसे बताऊं मै तुम्हे,

तुम मेरे लिए कौन हो

जब याद आती है,

तो एक कश्मकश सी होती है


दिल में,

सुकून मानो रुठ के कहती है,

दो पल तुमसे बाते कर लूं,

कैसे बताए तुम्हे की

दर्द कुछ ऐसा है 

जो हमें खुशी देता है,


सरफिरे ख्वाब मेरे

बिना पंखों के ही उड़ते है,

कैसे समझाऊं तुम्हे,

देख के दिल में मानो,

तूफान सा उठता है,

किनारे बैठे हमें,


तैरने की चाहत सी होती है,

जिस दिन ना देखू तुम्हे

अधूरा सा खुद को पाती है,

क्या है ये जो 

हर दिन मै तुमसे मिलने आती हूं

मन परेशान है,


ढूंढ रहा है एक जवाब,

कौन हो तुम मेरे,

जानने के लिए है दिल बेताब।


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