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Anumeha Rao

Abstract

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Anumeha Rao

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इजाज़त

इजाज़त

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इज़ाज़त नहीं है 

नैनो को बारिशे करने की,

आंखों की खता क्या है, 

मालूम नहीं,

 

बस दरवाजे पर खड़ी रहती, 

नम होने को, 

समझ नहीं, 

ये दर्द कैसा है, 

न रो पाते है,

 

और ना हँसा जाता है, 

मायूस होके भी, 

किसी को दिखा पाते 

इजाज़त नहीं !


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