तुम
तुम
दिल के हर कोने से,
एक आवाज़ आ रही है,
दूर से खैरियत पूछने की
तकलीफ मत करिए,
अच्छे नहीं भी होंगे,
फिर भी अच्छा ही कहेंगे,
कोई तो हो,
जो पास बैठकर,
दिल की सुनने में दिलचस्पी रखे,
दूर से तो तारे भी पूछ लिया करते है,
टूटा नहीं है ये दिल मेरा,
बस अकेला हो गया है,
दुनिया की शोर में ही खो गया है,
अभी मासूम है,
इसलिए समझ नहीं पाया है,
लोगो ने ज़रूरत परने पर ही,
इस दिल को याद फरमाया है,
कभी शौक से जानिए हमारा हाल,
खुश तो रोजाना होते हैं,
कभी दिल से भी मुस्कुरा लेंगे
वरना ज़िंदगी ने हमे,
गम छिपाकर हंसना,
बखूबी सिखाया है,
बस ये जज़्बात हैं हमारे,
जो सरफिरे हैं,
शिकवा तो बहुत है,
फिर भी इसे तुम्हारा ही इंतज़ार है।

