तुम
तुम
जीवन के यौवन में मारीचिका सी प्यास हो तुम
गणित के वृत्त के जैसी मेरे जीवन का व्यास हो तुम
दूर हो तो क्या हुआ मेरे जीवन में सबसे खास हो तुम
मुझको हरदम लगता है जैसे हरपल मेरे पास हो तुम
चाँद सी खूबसूरत पौरुष का अभिमान हो तुम
साँसें है तुम्हारे नाम से चलती मेरी जान हो तुम
मान अपमान वेदना, कुंठा, यश, अपयश, जीवन यज्ञ की,
मेरे हर उलझे सवालों का एकमात्र जवाब हो तुम।