तुम वसन्त से
तुम वसन्त से
ज़िन्दगी की आपाधापी में ,
सुकून से ,
आये हो तुम ख्वाब से।
ज़िन्दगी की उलझनों को ,
सुलझाते से ,
आये हो तुम जवाब से।
ज़िन्दगी के अंधेरों में ,
उजाले से ,
आये हो तुम चिराग से।
जिन्दगी की उदासियों में ,
रौनकों से ,
आये हो तुम वसन्त से।