तुम साथ ना थे
तुम साथ ना थे
रिमझिम बारिश में,
रिश्तों की गुज़ारिश में,
तुम साथ ना थे।
उन सर्द रातों में,
गमगीन मुलाकातों में,
तुम साथ ना थे।
महकती शामों में,
सिसकती आहों में,
तुम साथ ना थे।
दिल की तपिश में,
अरमानों की कशिश में,
तुम साथ ना थे।
भोर की अंगड़ाई में,
रात की तन्हाई में,
तुम साथ ना थे।
खुशियों के मेले में,
ग़म के अंधेरे में,
तुम साथ ना थे।
कठिनाइयों के सैलाब में,
बेदर्दी के तालाब में,
तुम साथ ना थे।
मदमस्त हवाओं में,
महकती फिज़ाओं में,
तुम साथ ना थे।
दिल की तड़प में,
बेमानी झड़प में,
तुम साथ ना थे।
हसीन सपनों में,
मेरे तो अपनों में,
तुम साथ ना थे।
खनकती हंसी में,
मेरी बेबसी में,
तुम साथ ना थे।
महकते ख्वाबों में,
बिखरते खयालों में,
तुम साथ ना थे।
ख़ामोश आसमां में,
सूने जहां में,
तुम साथ ना थे।
दिल की चाहतों में,
पलों की आहटों में,
तुम साथ ना थे
तुम साथ ना थे
तुम साथ ना थे....