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रचना शर्मा "राही"

Inspirational

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रचना शर्मा "राही"

Inspirational

बेनकाब कर दो

बेनकाब कर दो

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ज़मीर सो गये हैं जिन लोगों के

उनका सही सही हिसाब कर दो।

देश में फैली जो भ्रष्टाचारी बीमारी

उसको अब जड़ से साफ कर दो।


ईमानदारी का फहरा दो परचम

बेईमानी को बेनकाब कर दो।

लाचारबेहाल अर्थव्यवस्था के

मजबूत स्तम्भों का निर्माण कर दो।


गरीबी-अमीरी की दीवार को

अब चरमरा कर ढहने दो।

नोटों से खेलते दगाबाज़ों को

जेल की सलाखों के पीछे कर दो।


कर्तव्यपरायण ईमानदारों की

आँखों में चमक का अहसास भर दो।

महामारी में भी कर रहे दलाली जो

ऐसे नापाक इरादों का पर्दा फाश कर दो।


सोये हुए जमीरों को जगाने का

सरकार अब दृढ़ प्रयास कर लो।

घोटालों दलाली भ्रष्टाचार बेईमानी से

व्याकुल भारत माँ के आँसुओं का हिसाब कर दो।


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