सूरज पर भी उंगली उठा देते हैं झूठी श्रद्धा में सब कुछ लुटा देते हैं बदलते मौसमों को ही देते दोष है... सूरज पर भी उंगली उठा देते हैं झूठी श्रद्धा में सब कुछ लुटा देते हैं बदलते मौसम...
तबियत तो नासाज होती रहती है यूँ ही दवाओं का असर नज़र आना भी जरूरी है तबियत तो नासाज होती रहती है यूँ ही दवाओं का असर नज़र आना भी जरूरी है
खुद को बदलकर देख ये दुनिया खुद बदल जाएगी। खुद को बदलकर देख ये दुनिया खुद बदल जाएगी।
देखा एक रोज तुझे किसी गैर के साथ तो दिल ने कहा वो बदल गया है। देखा एक रोज तुझे किसी गैर के साथ तो दिल ने कहा वो बदल गया है।
अक्सर जब बारिश में प्रेम परवान चढ़ता ठंडी हवाओं से घूँघट अपने आप हट जाता अक्सर जब बारिश में प्रेम परवान चढ़ता ठंडी हवाओं से घूँघट अपने आप हट जा...
इन्हें फर्क नहीं जो भी हो- जब झूठ ही सच हो। इन्हें फर्क नहीं जो भी हो- जब झूठ ही सच हो।