तुम जरूर आओगे
तुम जरूर आओगे
याद है मुझे तुम्हारी हर बातें क्योंकि
तुमने जाते वक्त कहा था कि
मैं लौट कर जरूर आऊंगा
तुम आंसू आंखों में मत लाना
तुम रोयीं तो मैं कैसे हंस पाऊंगा
बस अब दिल नही लगता
हर दिन उंगलियों पर गिनती हूँ
एक रोज सूरज के साथ ढ़लकर
दूजे रोज मैं भी साथ निकलतीं हूँ
तलाश हैं तुम्हारी अब भी
इस गुमनाम सी दुनिया में रहके
रोज एक नया कदम बढ़ाती हूँ
बिना किसी से कोई शिकायत करके
इंतज़ार है जो खत्म ही नहीं होता
लोगों से कुछ कहना भी मुश्किल है
वो कहते हैं तुम्हारी उम्मीद खो दूं
पर अब ये तो नामुमकिन है
यकीन हैं मुझे तुमने जो वादे किये है
वो सब एक एक करके निभाओगे
मैं ये भी जानती हूँ कि एक दिन
तुम लौट कर जरूर आओगे