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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

तुम हो

तुम हो

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मेरे इश्क में तड़पनेवाली मेरी महेबूबा तुम वो,

नैनोंके आयने में बसनेवाली तस्वीर भी तुम हो।


मेरे दिल में इश्क की ज्योत जलानेवाली तुम हो,

तन मन में लहेरानेवाली मधुर सरगम भी तुम हो।


मेरी धड़कन के साथ ताल मिलानेवाली तुम हो,

नजर मिलाकर ज़ाम छलकानेवाली भी तुम हो।


मेरे प्रेम पत्र लिखने का कोरा कागज तुम हो,

कलम के ह्रर शब्दमें दिखाई देती भी तुम हो।


मेरी बांहों में सिमटनेवाली प्यारी सनम तुम हो,

मुझे इश्क में डूबानेवाली कयामत भी तुम हो।


मेरी "मुरली"में बजती हुई इश्क की धून तुम हो,

संगेमरमर की बनी हुई इश्क की देवी भी तुम हो।


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