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Shubhra Ojha

Romance

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Shubhra Ojha

Romance

तुम और रंग

तुम और रंग

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ये जो मेरे हाथों में ढ़ेर सारे रंग हैं ना

इन सभी रंगों से मैं तुम्हारे फीके

सपने रंग दूंगा,


तुम पर हल्के रंग बिल्कुल नहीं फबते

मैं तुम्हारे सभी कपड़े चटक रंगों से रंग दूंगा,

तुम्हारी उदासी बिल्कुल अच्छी नहीं लगती मुझे


एक मौक़ा दो मुझे

तुम्हारे चेहरे को गुलाबी मुस्कान से भर दूंगा,

तुम्हारा सूना माथा और सूनी मांग अच्छी नहीं लगती,


माथा तुम्हारा हरे रंग से और

मांग तुम्हारी चुटकी भर लाल रंग से भर दूंगा।


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