कायनात ने सूनी गोद की कर दी 'गोदभराई'। कायनात ने सूनी गोद की कर दी 'गोदभराई'।
दुखों का परित्याग है एवं सुुखों की पराकाष्ठा है। दुखों का परित्याग है एवं सुुखों की पराकाष्ठा है।
कैसे रंग दिखलाएगा ! ना जाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा। कैसे रंग दिखलाएगा ! ना जाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा।
मांग तुम्हारी चुटकी भर लाल रंग से भर दूंगा। मांग तुम्हारी चुटकी भर लाल रंग से भर दूंगा।
शाम ढलते ही जिंदगी के आखिरी पल गुज़र जाते हैं। शाम ढलते ही जिंदगी के आखिरी पल गुज़र जाते हैं।
प्रकृति से जुड़कर जीवन में रस-रंग घोलती होली। प्रकृति से जुड़कर जीवन में रस-रंग घोलती होली।