कुछ तो सीखो
कुछ तो सीखो
जो सिखाना हो बच्चों को अपने संस्कार
तो कुछ देर अपनी मां के चरणों में बैठना सीखो,
देनी हो किसी को झोली भर खुशियां
तो पहले खुद मुस्कुराना सीखो,
मुक्कदर नहीं बन सकता कोई किसी का
अपनी तकदीर खुद अपने हाथों से लिखना सीखो,
जो दूसरों में दिखती हैं लोमड़ी सी चालाकियां
तो पहले खुद में वफादारी कुत्तों से सीखो।