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Shubhra Ojha

Inspirational

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Shubhra Ojha

Inspirational

नयी तकदीर

नयी तकदीर

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तुम्हे शायद पता नहीं

तुम्हारी खूबियां

वरना तुम ऐसे कैद नहीं होते

दुनिया के बनाए झूठे जंजीरों में

तुम क्या हो,

ये दूसरों की नज़र से देखने की जरूरत नहीं

खुद को पहचानो

और निकलो दकियानूसी परम्पराओं से,

तोड़ दो अपने हाथों की हथकड़ी

जो पहना दी गई थी बरसों पहले

ताकि तुम भूल जाओ खुद को,

अब वक्त आ गया है

स्वच्छंद होकर आगे बढ़ते

हुए इक नया इतिहास रचने का

तो उठो, और लिखो अपने हाथों से

अपनी नयी तकदीर।



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