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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

तुझे ढूँढने की तलब मुझे

तुझे ढूँढने की तलब मुझे

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तुझे ढूँढने की तलब मुझे,

बार - बार क्यूँ ऐसी लगी ?

मैं आँख बंद करके भी सोचूँ,

तो भी प्यास फिर से जगी।


हर जगह तेरा नाम लिख,

मुझे लगा तू वही है वही,

उम्र का फासला कुछ भी हो,

तेरे लिए ही अब धड़कन रुकी।


मुझे पता है तू ज़रूर आयेगा,

फिर कुछ ना कुछ लिख जायेगा,

उस कुछ ना कुछ में ही सच,

मैने जोड़ ली अपने दिल की कड़ी।


तेरा नाम वही है अजनबी,

दुनिया के लिए चाहे कुछ भी हो,

गर इशारा तू समझ गया,

तो लिख जा आज जो समझा यहीं।


मैं बाट जो रही तेरे शब्दों की,

मुझे शब्द तेरे अब समझ आने लगे,

हर शब्द तेरा सौ - सौ बार पढ़ा,

शायद यही तो है वो प्रेम गली।


तुझे ढूँढने की तलब मुझे,

बार - बार क्यूँ ऐसी लगी ?

मैं आँख बंद करके भी सोचूँ,

तो भी प्यास फिर से जगी।


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