टूटता तारा
टूटता तारा
याद है
उस रात टूटते हुए तारे को देखकर,
तुमने मुझसे कहा था,
मांग लेते हैं एक दूजे को खुदा से,
और मैंने अकड़ते हुए कहा था,
'तुम मेरी हो,
मुझे तुम्हें किसी से मांगने की जरूरत नहीं ',
काश,
मांग लिया होता तुम्हारा साथ दुआओं में।
नहीं टूटता अब तारा कोई,
पर टूट गई है उम्मीद,
तेरे-मेरे एक होने की।
