टूटा जज्बात
टूटा जज्बात
मेरा जज्बात टूटा है
मेरा दिल भी टूटा है
किसे बताये, ज़माने ने,
अपना कहकर लूटा है
जिस थाली में खाया,
उसी में छेद किया,
हमें दिखाया अंगूठा है
मेरा जज़्बात टूटा है
बारिश में रहकर,
लगता हमें सूखा है
हर दर्द की दवा है,
टूटे पत्थर की नहीं,
जिसमें छेद लगा,
साखी बड़ा अनूठा है
मेरा जज़्बात टूटा है
फिर भी मैं लडूंगा ,
इन शूलों को मारूंगा
में फूलो का जूता है