"टूट जाने दो"
"टूट जाने दो"
जब अपने रिश्ते का एहसास ही ना हो,
तो रिश्ता टूट जाने दो |
जब प्यार की बयार आँधी लगे तो रिश्ता टूट जाने दो
जब अहसासों की साधना कामुकता में लिप्त हो
तो रिश्ता टूट जाने दो
जब परिंदों की तरह मन आकाश में उड़ना चाहें पर
रिश्तों के बंधन में बंधकर जीना पडे तो,
बेहतर है रिश्ता टूट जाने दो |
