काली सड़क
काली सड़क
एक काली सड़क मेरे घर के आगे से गुज़रती है
पूछती कुछ नहीं बस सीधी सी मासूम लगती है
होकर रंग में काली हर रंग के आदमी को लुभाती है
टूट जाए अगर ये सड़क को हर किसी को रुलाती है
एक काली सड़क..........
समय का खेल भी निराला लगता है
मन का मेल हो ना हो पर, इस सड़क पर सबकुछ निभाना पड़ता है
जान - पहचान दूर - दूर तक नहीं मेरी इस सड़क पर किसी से..
लेकिन सड़क का आखरी छोर क्यू मेरा गांव सा लगता है
एक काली सड़क..........
फिर मैं एक दिन आई उस छोर पर जहां गांव था मेरा,
लेकिन अब सड़क अपनी, गांव पराया लगता हैl