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Priyanka Khandelwal

Abstract

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Priyanka Khandelwal

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नागरिकता संशोधन

नागरिकता संशोधन

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एक सच्चाई है ये मान लो,

नागरिकता संशोधन बिल

क्या है मेरे दोस्तों ये जान लो l


हिंदू राष्ट है हिन्दुस्तान ये माना पर

मेरी नागरिकता कहाँ ख़तरे में है ये ना जाना।

मेरे भाई सड़कों पर खड़े हैं,

ये बिल आखिर है क्या इसी सोच में पड़े हैं।


मैं भी हूँ "एहसास" विभाजन के

समय यही रुका था,

बुजुर्ग कह गए मुझसे मैं यही का सगा था।


सोचो मेरे भाई

कोई क्यूँ तुम्हें तुम्हारे घर से

बाहर निकालेगा,


घुसपैठिए नहीं हैं हम जो

संशोधन में बाहर निकालेगा।

जो आए हैं बाहर से

उन्हें डरने का हक़ है,


मेरे भाई हम भारतीय हैं

इस मिट्टी पर हमारा हक है।

वो डरे, वो कांपने पर हाहाकार करे,

जो हमारे हक़ का खा रहे वो होशियार बड़े।


तुम क्यूँ अपनी ही धरती को शर्मसार किए हो

राम, रहीम, तुम क्यूँ डरे हो।

आपसी एकता और प्यार का

नाम है हिन्दुस्तान।


जो अपनी रोटी बना रहे,

करके हमें गुमनाम,

ना दो उनका साथ

यही विनती है भाईजान।


हमारी एकता और अखंडता ही है

भारत का गहना ये जान लो,

विश्व पटल पर रहे मस्तक ऊँचा तो

आपसी विरोध को त्याग दो।


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