ट्रेन की खिड़कियां
ट्रेन की खिड़कियां
ट्रेन की खिड़कियां खुली आंखों से देखने का मज़ा नहीं रहा।
बचपन की कहानियां उतनी अच्छी नहीं लगती जितनी
मेसेज वाली बातें हो गई।
खो गई पुरानी अख़बार पढ़ने में भी को मज़ा था।
कहीं खो गई वो मासूम सवालों की बातें।
कुछ खयालों में खोते एक उड़ती उम्र भी खयालों के बस्ते
में बेख़ौफ़ निकल पड़ी।
अब इन ट्रेन की खिड़की की भी ज़रूरत मेहसूस ना हुई क्यूं,
बचपन से जवानी तक खिड़की वाली सीटों के लिए लड़ते देखा हमने अब वो ख्वाहिश दुनिया में किसी कुएं में कही कूद गई हो जैसे।
हसफ़र भी अब हाथों में छिपी लकीरे नहीं पढ़ते।
अब वो भी हम है दुनिया की इस दौर में कहीं।
बच्चे भी शामिल हो गए इस क़दर उलझे दुनियां की रीस में।
गेंद अकेली ही हवा के झोंको से आगे बढ़ जैसे भुला रही थी,
पुरानी यादें रातों में भी खेलते बच्चों को पुकार रही थी।
झूले भी ख़ुद ही हिचकोले खाते हवा के झिके उनको हिला जाते,
झूले झूलने की ज़िद आज वो नज़र नहीं आती।
मां के हाथों के खाने की ख़ुशबू भी अब कम हो गई है।
इतने व्यस्त जीवनशैली में सब खो से गए है।
परिवारों से दूर दौर ऐसा हुआ,
डोर रिश्तों की कमाई से तुलना हो गई है।
मज़बूत रिश्तों की नींव,
कमज़ोर डोरी सी ज़िन्दगी हो गई है।
कहां ले जा रहा है ये वक़्त का पहिया,
किस कदर कमाई पूंजी बैंको में पड़ी सड़ रही है।
कोई टिप्पणी कसने को त्यार है।
किसी के पास खाने के भी पैसे नहीं है।
कहां ले जा रहा है ये वक़्त का पहिया।
वो ट्रेन की खिड़कियां अब सुनी पड़ी रहती है।
बारिश की लटकती बूंदों को एक दूसरे पर उड़ना।
वो भागते पेड़ों को गिनना और शर्तें लगाना।
वो भाग कर ट्रेन पकड़ना।
वो पव भी भागते हुए पकड़ना।
कहीं खो गई है वो सब बातें।
यारों की यारी की बातें सुनकर मैं मायूस हो जाती हूं।
बचपन के दिनों के अनमोल मोती की तरह अपने दिल में संजोए रखना चाहती हूं।
अब वहीं पल फिर से जीना चाहती हूं।
हम साथ होते भी एक दूसरे से बात नहीं होती।
या मेसेज या फोन पर ही बातें,
क्या रिश्तों के फैसले भी ही जाते है।
पहले शादी में १० दिन पहले ही गीत शुरू हो जाते थे।
अब शादी के दिन भी पूरा परिवार साथ नहीं होता।
बात पते की है जन्म लेकर ख़ुद के उसूलों को ज़िन्दगी
में ऐसे उतारों,
नज़रों से नहीं दिल में उतारने की योजना बनाओ।
कर्म पर यक़ीन करों,
विश्वास ख़ुद पर रखें एहसास रिश्तों में जगाते रहे।
शब्दों को तोल कर बोले।
जज़्बात ज़िन्दगी में जगाते रहें।
