ठहर गया है वक्त
ठहर गया है वक्त
ठहर गया है वक्त उस पल के इंतजार में
तेरा दीदार होगा जब इन आँखों के आईने में
थक गए है रास्ते कदमो की आहट पाने को
थम गई हैं हवा तेरे खुले बाल सहलाने को
ठहर गया है वक्त उस एक पल के दरम्यान
छूटते-छूटते तेरा हाथ ठहर गया मेरी उंगली के पोरों पर
कुछ बाते अधूरी सी कैद है इन होठों के बीच
कुछ आंसू है रुके हुए पलकों के कोरों पर
ठहर गया है वक्त तेरी आंखों की अधूरी कहानी में
आते-आते जो रुक गई थी तेरे होठों तक
है मरघट सा वीराना गुलदस्ता-ए-जिंदगी में
उड़ती-उड़ती खुशबू फ़ना हुई जो कांटो पर
ठहर गया है वक्त तेरी उस एक मुस्कराहट में
जो रुला गई मुझको तेरे यूं छोड़कर जाने पर
उन रास्तो पर आज भी कदम उठ जाते है मेरे
तेरी आवाज गूंजती है जिन रास्तों पर
ठहर गया है वक्त तेरे दिये गए जख्मों पर
जो दिये थे तुमने हमको खुद से गैर बनाकर
जख्म अब भी रिसता है घाव अब भी ताजा है
जो कभी भर नही सकता तेरे लौट आने पर
ठहर गया है वक्त उस पल के इंतजार में
तेरा दीदार होगा जब इन आँखों के आईने में।