तस्वीर
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तेरे तस्वीर को देखे अरसा हो गया
इस तपते रेगिस्तान मे पानी गिरने
पर भी तरसता रह गया
तेरे बिना बारिश की
बूँदें बेगानी सी लगे है
ठंडी पड़ी शाम मे कम्बल की
गर्माहट सी पाने को तरसा है दिल
किस बात की नाराज़गी ख़ुदा जाने
छोटी सी बात मे बात बंद करना क्या ठीक है
बात ही ना हो तो सुलह कैसे होंगी
प्लीज मुझसे बात कर