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Amit Singhal "Aseemit"

Fantasy

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Amit Singhal "Aseemit"

Fantasy

तस्वीर मेरे दिल में बसी है

तस्वीर मेरे दिल में बसी है

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तस्वीर मेरे दिल में बसी है।

मूरत एक सुंदर सी सजी है।

मेरी जीवनसाथी कैसी हो।

हां, बस बिल्कुल ऐसी हो।


मुझे नहीं चाहिए कोई हूर।

न सोनपरी न ही कोई नूर।

मेनका या रंभा या उर्वशी।

नहीं चाहिए कोई अप्सरा।


ग़म का मतलब न जाने।

उदासी और हार न माने।

हँसती रहती हो खुलकर।

उस पर हो खुशी का पहरा।


सूरत उसकी ऐसी हो।

कोई उसको देखे जो।

वक्त रुक जाये ठहरकर।

जैसे कभी न हो ठहरा।


दिल हो उसका निर्मल।

विचार हों उसके अटल।

जिये मेरा ख़्याल रखकर।

प्यार वह करे मुझे गहरा।


आँखें हों उसकी झील सी।

मुस्कान हो उसकी भोली सी।

जुल्फ़ें हों काली घनी लहर।

सितारों का हो उनमें बसेरा।


तस्वीर मेरे दिल में बसी है।

मूरत एक सुंदर सी सजी है।

मेरी जीवनसाथी कैसी हो।

हां, बस बिल्कुल ऐसी हो।


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