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Sunil Kumar

Children

4  

Sunil Kumar

Children

तरक्की

तरक्की

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अलख शिक्षा की जब मन में जगने लगे

अधिकार - कर्तव्य अपना समझने लगे

तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।


मात-पिता-गुरु का महत्व समझने लगें

सत्य-अहिंसा का अनुसरण करने लगें

तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।


सोच-समझ कर जब कदम बढ़ने लगे

सभ्यता- संस्कृति अपनी समझने लगें

तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।


बुलंद हौसलों से ऊंची उड़ान भरने लगें

लगे जो ठोकर तो खुद ही संभलने लगें

तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।


दुःख-दर्द गैरों का अपना समझने लगें 

जरुरतमंदों की मदद को हाथ बढ़ने लगें 

तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।


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