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Dr.Purnima Rai

Tragedy Inspirational

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Dr.Purnima Rai

Tragedy Inspirational

त्रासदी

त्रासदी

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मां का रिश्ता है, सब रिश्तों से ऊपर

कहते हैं सभी, समझता है कोई-कोई

नारी (औरत) है सबला, गूंज है गली गली

सुनते हैं सभी, मानता है कोई-कोई 

पुत्री है पुत्र-तुल्य, नारा है आज का

बोलते हैं सभी, अपनाता है कोई-कोई 

भ्रूण हत्या है पाप, समय की है मांग

 विचारते हैं सभी, रोकता है कोई-कोई



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